बारहा गोर दिल झुका लाया - Barha Gore Dil Zhuka Laya - Mir Taki Mir
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Mir Taki Mir |
बारहा गोर दिल झुका लाया
अब के शर्त-ए-वफ़ा बजा लाया
क़दर रखती ना थी मिटा-ए-दिल
सारे आलम को मैं दिखा लाया..(Mir Taki Mir - Love Poems)
दिल के यक क़तरा-ए-खून नहीं है बेश
एक अलम के सर बला लाया
सब पे जिस बर ने गिरानी की
उसको ये नातवाँ उठा लाया..(Mir Taki Mir - Love Poems)
दिल मुझे उस गली में ले जा कर
और भी खाक में मिला लाया
अब तो जाते हैं बुतक़दे आए ‘मीर’
फिर मिलेंगे अगर खुदा लाया...(Mir Taki Mir - Love Poems)
-मीर तक़ी मीर (Mir Taki Mir)
यारो मुझे माफ़ करो मैं नशे में हूँ - Mir Taki Mir, Poetry
यारो मुझे माफ़ करो मैं नशे में हूँ
अब दो तो जाम खाली ही दो मैं नशे में हूँ
मज़ुर हूँ जो पावं मेरे बेतरह पड़े
तुम सर-गरन तो मुझ से ना हो मैं नशे में हूँ
[मज़ुर=मजबूर; बेतरह=लड़खड़ाना ; सर-गरन=चिढ़ना]
या हाथों हाथ लो मुझे जैसे के जाम-ए-मय
या थोड़ी दूर साथ चलो मैं नशे में हूँ
-मीर तक़ी मीर (Mir Taki Mir)
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